This is a residential workshop hosted at Dharwad, Karnataka. There is only room for about 30 participants, so please register as early as possible. It is important that you attend the whole workshop from start to finish as each day builds on the previous one.
The Facilitator:
This workshop will be facilitated by Vinish Gupta, who leads the Centre for Holistic Learning. He has been involved with various social and environmental movements in the past. In his youth he spent over a decade as a Buddhist monk, exploring traditional Indian systems of thought and living. His current interests include value education, and design of environmentally sound systems and technologies.
What to bring:
Bring personal clothing, umbrella, water bottle, towel, toiletries, mosquito-net/repellent, and any interesting materials from your organization to share and anything creative that you like to do to share with others.
This event is run on gift culture. Participants are invited to contribute what they can (towards the cost of organising the workshop which is approximately Rs.3500 per person for food and stay); learning scholarships are available to those who need them. And if you can, your additional contribution will help to support other people's participation. No one will be refused due to money constraints.
यह कार्यशाला हिंदी में होगी . (This workshop will be conducted in Hindi).
Participants from Dharwad may contact any of the following to participate:
1. Dr Sanjeev Kulkarni - 9448143100 (7 pm to 9 pm only)
2. Shri Santosh Oswal - 9880139840 (5 pm to 8 pm only)
3. Shri Sanjeevkumar Patil - 9448231960 (Email: info@tarangscientificinstruments.com )
Please note that the workshop is of an integrated nature and has to be attended in its entirety. It may not be attended partially.
Here is how to reach Dharwad. It is ideal for participants to arrive by the evening of the 2nd October itself; they may leave after lunch of 10th October 2015. If you intend to travel by train, please note that train bookings now open 4 months in advance of the travel date, so we advise you not to delay making the necessary bookings!
Best wishes,
Dharwad Sukhi Jeevan Group
धारवाड़ सुखी जीवन समूह ,
द्वारा आयोजित
धारवाड़, कर्णाटक
में
जीवन विद्या शिविर
3-10 अक्टूबर 2015
शिविर के बारे में:
जीवन विद्या शिविर (करीब 40 घंटे की अवधि की) एक गहरे अध्ययन की प्रक्रिया है, जिसमे जीवन के मौलिक परन्तु प्रायः उपेक्षित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। आपसी सम्बन्ध, शिक्षा, समाज, प्रकृति, लक्ष्य, सफलता आदि पर एक गहरा संवाद होता है जिसके द्वारा प्रतिभागियों को ज़िन्दगी के भिन्न प्रतीत होने वाले पहलुओं के बीच की कड़ियाँ पहचानने व समझने का अवसर मिलता है। कोई प्रवचन या उपदेश नही होता। प्रबोधक द्वारा कुछ प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाते हैं, और प्रतिभागियों को उनके आतंरिक विचारों, भयों, सम्भ्राँतियों, आकांक्षाओं आदि को जांचने में सहयोग किया जाता है। क्रमशः ढेर सारी छिपी मान्यताएं उजागर होने लगती हैं और व्यक्ति को ज़िन्दगी के सूक्ष्म ताने बाने का एक नयी स्पष्टता से दर्शन होने लगता है; मानव में सकारात्मक सृजनशक्ति की नयी संभावनाओं का बोध होने लगता है। एक सशक्त चिंतन-यात्रा का शिविर में प्रारम्भ तो होता है पर अंत नही …
यह 8-दिवसीय पूर्णकालिक आवासीय शिविर है। धारवाड़, कर्णाटक में आयोजित इस शिविर में कुल 30 प्रतिभागियों के लिए स्थान हैं, इस लिए पूर्व पंजीकरण करें।
शिविर में पूर्णकालिक प्रतिभागिता अनिवार्य है, आंशिक प्रतिभागिता की अनुमति नही है।
शिविर के दौरान स्वैच्छिक श्रमदान करने का व व्यक्तिगत हुनरों के आदान-प्रदान का भी अवसर रहेगा।
प्रबोधक:
इस शिविर में प्रबोधन श्री विनीश गुप्ता करेंगे। वे लम्बे समय से विभिन्न सामाजिक व पर्यावरणीय अभियानों से जुड़े रहे हैं। करीब दस वर्ष तक वे बौद्ध परंपरा में भिक्षु भी रहे, जिस दौरान उन्हें भारतीय विचारधाराओं व तौर तरीकों को समझने का अवसर मिला।
विनीश को उनके कार्यों में सहयोग मिलता है उनकी पत्नी करुणा मुरारजी से। शिक्षा का मानव संभावनाओं व विकास के साथ सम्बन्ध समझने में लम्बे समय से करुणा की रूचि रही है। अन्य विषय जिनके अध्ययन में वे रूचि रखती हैं: आहार, फ़िल्में, प्रक्रिया/इतिहास विश्लेषण, और सीखने-सिखाने व जीने के सामूहिक तौर तरीके।
साथ लाएं:
निजी वस्त्र, पानी की बोतल, तौलिया, साबुन आदि निजी उपयोग का सामान, आपके संस्था / कार्य से सम्बंधित सामग्री, व कुछ भी रचनात्मक जो आप को दूसरों के साथ करना / बांटना अच्छा लगता है।
यह शिविर 'उपहार संस्कृति' पर आधारित है। यानि इस शिविर के लिए कोई निश्चित अनिवार्य शुल्क नही है। हर प्रतिभागी पर करीब रुपए 3500 का खर्च आता है। जिन्हे आवश्यकता हो उनके लिए छात्रवृत्तियां/सहयोग उपलब्ध हैं। आप अधिक योगदान का सामर्थ्य रखते हों तो आपके योगदान से अन्य लोगों की प्रतिभागिता सुनिश्चित होने में सहयोग रहेगा।
आर्थिक असमर्थता के कारण किसी की प्रतिभागिता बाधित नही होने दी जाएगी।
इस शिविर में भाग लेने के लिए यह ऑनलाइन फॉर्म भरें।
धारवाड़ से प्रतिभागी पंजीकरण हेतु इन से भी संपर्क कर सकते हैं:
धारवाड़ पहुँचने के बारे में जानकारी यहाँ है। उत्तम होगा यदि प्रतिभागी 2 अक्टूबर की शाम तक ही पहुँच पाएं। वे 10 अक्टूबर को दोपहर के भोजन उपरांत वापस लौट सकते हैं। यदि आप रेल से यात्रा करने वाले हैं तो ध्यान रहे कि टिकटें यात्रा तिथि के 4 महीने पूर्व मिलनी शुरू हो जाती हैं, इस लिए अपनी यात्रा की टिकटें बुक करवाने में विलम्ब न करें !
शुभ कामनाएं
धारवाड़ सुखी जीवन समूह
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Jeevanshala Trust, "Nagalaxmi",
Hulekal Village, Sirsi-581336. Karnataka. India.
Tel: 08283-240147.
Cell: +91.8762071817
http://www.jeevanshala.org/
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