Saturday, May 21, 2016

बीज और संवाद 26 मई 2016 भोपाल

 बीज एवं इससे जुडे वैधानिक प्रावधानों को लेकर
बीज स्वावलंबन संवाद
राज्य स्तरीय परिसंवाद

प्रिय साथियों,
सामाजिक क्षेत्र में निरंतर प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, जंगल, जमीन आदि पर समाज की मालिकी की बात होती रही है और किस तरह हमारा समाज सदियों से परम्परागत रूप से इसका उपयोग करता रहा है। राज्य की अवधारणा के बाद ये प्राकृतिक संसाधन समाज के हाथों से निकल कर राज्य के कब्जे में चले गये और अक्सर इस पर सवाल उठाये जाते रहे है।
इन्हीं सब मसलों के मध्य एक बेहद महत्वपूर्ण एवं मौलिक घटक छूट जाता है और वह है हमारा ‘बीज’। दरअसल, मानव सभ्यता के विकास के पूर्व से ही ‘बीज’ समाज के लिए महत्वपूर्ण रहा है और बीजों को लेकर एक सामूहिक सामाजिक सोच एवं समाज की मालिकी का भाव रहा है। 
लेकिन मानव सभ्यता के विकास, राज्य की अवधारणा एवं शक्तियॉ, विभिन्न राज्य एवं राष्ट्रीय कानूनों व प्रावधानों सहित अन्तर्राष्ट्रीय संधियों एवं बाजार ने बीजों पर समाज के अधिकार को प्रभावित किया है और संभव है कि प्राकृतिक संसाधनों की तरह बीज भी समाज के हाथों से निकल जाए। 
बीजो को केंद्र में रखकर स्थानीय, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर कई जटिल कानून बने है। जिसका सीधा असर किसानो की रोजमर्रा की जिन्दगी पर पड़ रहा है। इन कानूनों को समझे बगैर किसान का स्वावलंबन की दिशा में प्रभावी तथा परिणामकारी प्रयास मुश्किल है। मीडिया (प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक) में भी इन मुद्दों का सही परिप्रेक्ष्य में पहुंचना  आवश्यक है ताकि खबरों में बीज व उससे जुडी किसानों की समस्याए सही रूप में प्रतिबिम्बित हो सके।
इन्हीं सब मुद्दों को लेकर ‘‘सम्पर्क, मध्यप्रदेष’’ द्वारा राज्य स्तरीय ‘‘बीज स्वावलंबन संवाद’’ आयोजित किया जा रहा है। जिसमें बीजों से संबंधित वैधानिक प्रावधानों सहित देष के विभिन्न भागों से आ रहे अनुभवों एवं प्रयोगों सहित लोगों के जीवन से जुडे सच्चे किस्सों एवं अनुभवों को सामने लाने का प्रयास करेंगे। जिसमें मीडियॉ की अहम भूमिका है। 
दरअसल बीज संरक्षक, किसान एवं मीडिया कर्मियों के मध्य प्रभावी संवाद जरूरी है। बीज के मुद्दे को वर्तमान परिदृष्य में नये सिरे से फोकस करने की आवष्यकता है। कई कानूनी और नीतिगत मसलों के आपस में उलझ जाने से बीज का मसला बेहद जटिल हो गया है। इन्हें पूरी तरह से नहीं समझा जा सका है। खास तौर पर जो लोग बीज संरक्षण से जुड़े हैं और बीज को लेकर चिंतित हैं वे इस मामले में प्रभावी चर्चा नहीं कर सके हैं।
इस परिसंवाद में बीज के संदर्भ में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय परिदृष्य में चर्चा सहित जमीनी अनुभवों एवं बीजों को लेकर प्रदेष के विभिन्न स्थानों पर चल रहे सकारात्मक एवं रचनात्मक पहल पर बीज संरक्षकों, किसानों से सीधे बात की जा सकेगी।
हम इस प्रयास में आपसे पूरी सक्रियता से भागीदारी की अपेक्षा करते हैं। उम्मीद है कि वर्तमान राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय परिदृष्य एवं विषय की गंभीरता को देखते हुए आप इस सकारात्मक पहल में शामिल होंगे।
इस अवसर पर बीज मेले का भी आयोजन किया गया है अतः साथियों से आग्रह है कि अपने साथ देषी बीज एवं अन्य सामग्री भी साथ लेते आये।

धन्यवाद

परिचर्चा : बीज और संवाद
दिनांक : 26 मई 2016
स्थान : कमला रीजेंसी, 247 जोन-2, एम.पी. नगर, भोपाल
समय : प्रातः09.30 से 05ः00 बजे
  • नीलेश देसाई 
    सम्पर्क, मध्यप्रदेश 
  • हरीश  पवांर
    मध्यप्रदेश  बीज स्वराज मंच, मप्र
  • बाबूलाल दाहिया मध्यप्रदेश  बीज स्वराज मंच, मप्र
  • अनिल कर्णे                                बीज स्वराज अभियान, मप्र 
अन्य जानकारियों के लिए संपर्क : 0942532922209425384555 ,9425486993

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