(आॅनलाईन : http://nagpur.beejotsav.in/ )
> रासायनिक खेती आैर जी.एम. बीज के जमाने मे नागपूर के अनंत भोयर शुद्ध आैर जहर से मुक्त अनाज का संकल्प कर जैविक खेती की साधना कर रहे हैं|
> मिलावटी खाद्यतेल के बाजार में नागपूर के हर्षल अवचट आज भी एक्स्पेलर की सहायता से ग्राहकों को शुद्ध तेल देने के प्रयास में लगे हैं|
> ९०% से अधिक क्षेत्र में बी.टी. कपास उगाने वाले अपने देश मे अकोला का एक किसान समूह जैविक पद्धती से देसी कपास की उपज में लगा है|
> संपत्ती का केंद्रीकरण आैर जहरीले रसायनों के उपयोग को बढावा देने वाले कारखानों से निकले कपडे की जरूरत ना पडे इसलिए वर्धा की संस्था 'ग्राम सेवा मंडल' चरखा, आैर हथकरघा को जीवित रखते हुए खादी का उत्पादन कर रही है|
> खेती छोडकर शहर में नोकरी पाना अधिक सम्मानजनक समझने वाले इस समय में नागपूर की प्राची माहूरकर अपनी शहर की नोकरी छोड खेती करने में जुटी हैं|
> शाॅपिंग सेंटर आैर इंटरनेट से खरीददारी करने की दुनिया में कुछ ग्राहक सीधे किसानों से जुडकर उनसे अपनी अनाज की जरूरत पूरी करने के प्रयास में हैं|
शोषणमुक्त खेती आैर विषमुक्त अनाज की निर्मिती के लिए पूरक नीति बने इसलिये इस तरह के अनेक किसान आैर ग्राहक एक होकर आंदोलन खडा करने के प्रयास में लगे हैं|
क्या इस कार्य में इन लोगों का प्रयास पर्याप्त होगा? क्या अपना अनाज विषमुक्त हो पाएगा?
क्या किसानों का शोषण कम हो पाएगा?
यह बहुत बडे सवाल हैं| शायद एक आम आदमी होने के नाते हमारे दायरे से बाहर हैं| लेकिन एक चीज है जो जरूर हमारे बस मे है| आैर वह है, इन लोगों से मिलना| इन के अनुभवों को समझना| अगर आप ग्राहक हैं, तो अपने जरूरत के लिए इनके उगाये अनाज को खरीदना, संपर्क में रहकर भविष्य में यह व्यवहार जारी रखना| अगर आप किसान हैं, तो जैविक अनाज का महत्त्व जानने वाले ग्राहकों से मिलना, उनसे संबंध बढाना| आैर अगर कार्यकर्ता हैं, तो शाश्वत खेती आैर विषमुक्त अन्न के इस काम मे अपनी भूमिका को समझना, अतः किस स्तर पर इस काम में सहायभूत हो सकते हैं यह जानकर तदनुसार अपनी संस्था या समुह के काम को
आगे बढाने की योजना बनाना| तीन दिन के लिए गपशप, एक-दुसरों को जानना, एक साथ गाना या सुनना, जैविक भोज का आस्वाद लेना आैर इस आनंदोत्सव मे शामील होना|
पिछले तीन सालों से शाश्वत खेती आैर शुद्ध अन्न के कार्य में निष्ठा रखने वाले हम सब इस साल पुनः 'बीजोत्सव' के निमित्त से नागपूर में सम्मीलित होंगे| इसी जगह देसी बीज, जैविक खेती उत्पाद की प्रदर्शनी एवं बिक्री, आैर शोषणमुक्त अन्न उत्पाद व्यवस्था के निर्माण संबंधी जानकारीस्वरूप प्रदर्शनी खुली रहेगी|
हम खुद आैर अपने परिवार को शुद्ध अन्न मिले, अतः अपने लिये अनाज उगाने वाले किसान को सम्मानजनक उपजिविका मिले इस खातीर विषमुक्त अन्न आैर शाश्वत खेती के इस सफर मे जरूर शामील हो जाइये|
नागपूर बीजोत्सव, २०१६
दि. १९, २०, २१ फरवरी २०१६
सर्वोदय आश्रम (विनोबा विचार केंद्र), बोले पेट्रोल पंप के पास, अमरावती रोड, नागपूर.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क :
निखील लांजेवार – ९३७२४७५०२५, आकाश नवघरे - ९७६६९१२७४५,
किर्ती मंग्रुळकर – ९५५२५५६४६५, रुपींदर नंदा - ९८६०७३१६६६,
प्राची माहूरकर – ९८२३६१२४६८, अनंत भोयर – ९०४९६४१४७४.
> रासायनिक खेती आैर जी.एम. बीज के जमाने मे नागपूर के अनंत भोयर शुद्ध आैर जहर से मुक्त अनाज का संकल्प कर जैविक खेती की साधना कर रहे हैं|
> मिलावटी खाद्यतेल के बाजार में नागपूर के हर्षल अवचट आज भी एक्स्पेलर की सहायता से ग्राहकों को शुद्ध तेल देने के प्रयास में लगे हैं|
> ९०% से अधिक क्षेत्र में बी.टी. कपास उगाने वाले अपने देश मे अकोला का एक किसान समूह जैविक पद्धती से देसी कपास की उपज में लगा है|
> संपत्ती का केंद्रीकरण आैर जहरीले रसायनों के उपयोग को बढावा देने वाले कारखानों से निकले कपडे की जरूरत ना पडे इसलिए वर्धा की संस्था 'ग्राम सेवा मंडल' चरखा, आैर हथकरघा को जीवित रखते हुए खादी का उत्पादन कर रही है|
> खेती छोडकर शहर में नोकरी पाना अधिक सम्मानजनक समझने वाले इस समय में नागपूर की प्राची माहूरकर अपनी शहर की नोकरी छोड खेती करने में जुटी हैं|
> शाॅपिंग सेंटर आैर इंटरनेट से खरीददारी करने की दुनिया में कुछ ग्राहक सीधे किसानों से जुडकर उनसे अपनी अनाज की जरूरत पूरी करने के प्रयास में हैं|
शोषणमुक्त खेती आैर विषमुक्त अनाज की निर्मिती के लिए पूरक नीति बने इसलिये इस तरह के अनेक किसान आैर ग्राहक एक होकर आंदोलन खडा करने के प्रयास में लगे हैं|
क्या इस कार्य में इन लोगों का प्रयास पर्याप्त होगा? क्या अपना अनाज विषमुक्त हो पाएगा?
क्या किसानों का शोषण कम हो पाएगा?
यह बहुत बडे सवाल हैं| शायद एक आम आदमी होने के नाते हमारे दायरे से बाहर हैं| लेकिन एक चीज है जो जरूर हमारे बस मे है| आैर वह है, इन लोगों से मिलना| इन के अनुभवों को समझना| अगर आप ग्राहक हैं, तो अपने जरूरत के लिए इनके उगाये अनाज को खरीदना, संपर्क में रहकर भविष्य में यह व्यवहार जारी रखना| अगर आप किसान हैं, तो जैविक अनाज का महत्त्व जानने वाले ग्राहकों से मिलना, उनसे संबंध बढाना| आैर अगर कार्यकर्ता हैं, तो शाश्वत खेती आैर विषमुक्त अन्न के इस काम मे अपनी भूमिका को समझना, अतः किस स्तर पर इस काम में सहायभूत हो सकते हैं यह जानकर तदनुसार अपनी संस्था या समुह के काम को
आगे बढाने की योजना बनाना| तीन दिन के लिए गपशप, एक-दुसरों को जानना, एक साथ गाना या सुनना, जैविक भोज का आस्वाद लेना आैर इस आनंदोत्सव मे शामील होना|
पिछले तीन सालों से शाश्वत खेती आैर शुद्ध अन्न के कार्य में निष्ठा रखने वाले हम सब इस साल पुनः 'बीजोत्सव' के निमित्त से नागपूर में सम्मीलित होंगे| इसी जगह देसी बीज, जैविक खेती उत्पाद की प्रदर्शनी एवं बिक्री, आैर शोषणमुक्त अन्न उत्पाद व्यवस्था के निर्माण संबंधी जानकारीस्वरूप प्रदर्शनी खुली रहेगी|
हम खुद आैर अपने परिवार को शुद्ध अन्न मिले, अतः अपने लिये अनाज उगाने वाले किसान को सम्मानजनक उपजिविका मिले इस खातीर विषमुक्त अन्न आैर शाश्वत खेती के इस सफर मे जरूर शामील हो जाइये|
नागपूर बीजोत्सव, २०१६
दि. १९, २०, २१ फरवरी २०१६
सर्वोदय आश्रम (विनोबा विचार केंद्र), बोले पेट्रोल पंप के पास, अमरावती रोड, नागपूर.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क :
निखील लांजेवार – ९३७२४७५०२५, आकाश नवघरे - ९७६६९१२७४५,
किर्ती मंग्रुळकर – ९५५२५५६४६५, रुपींदर नंदा - ९८६०७३१६६६,
प्राची माहूरकर – ९८२३६१२४६८, अनंत भोयर – ९०४९६४१४७४.
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